देवरिया। जनपद के परशुराम चौक सीसी रोड पर आयोजित एक सभा के दौरान समाज सुधारक चौधरी नर्सिंग पटेल अज्ञानी को श्रद्धांजलि दी गई। पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले अज्ञानी जी को श्रद्धांजलि देने के लिए सैकड़ों लोग उपस्थित हुए। इस दौरान कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए अज्ञानी जी के बारे में अपने अनुभव साझा किए। कहा कि असमय अज्ञानी जी का निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है जिसकी पूर्ति नहीं हो सकती है।
यह संयोग है कि 15 अगस्त 1960 को पैदा हुए अज्ञानी जी का 14 अगस्त 2024 को निधन हो गया। उन्होंने 40 वर्षों तक पिछड़ों के हित की लड़ाई लड़ी। वे हीरालाल रामनिवास लाल कॉलेज खलीलाबाद से हिंदी साहित्य में परास्नातक थे। उन्होंने राजनीति में भ्रष्टाचार, चोरी, हिंसा पर कविताएं लिखी। उन्होंने राजनीति में प्रवेश से परहेज किया और किसी पार्टी से नहीं जुड़े। गरीब और कमजोरों की आवाज थे। सरकार ने उन्हें सम्मान स्वरूप रेल बोर्ड के भाषा परिषद का सदस्य बनाया था। गोरखपुर रेडियो स्टेशन में भोजपुरी चयन समिति में वे अस्थाई सदस्य भी रहे। ये पद आर्थिक लाभ के नहीं थे।15 ग्राम बंधवा बघौली जनपद संतकबीरनगर में एक अति सामान्य किसान परिवार में जन्मे अज्ञाना जी अपने पीछे अपनी पत्नी एवं चार बच्चों का परिवार छोड़ गए। उनके दो विवाहित बेटों में एक रेलवे में कर्मचारी, दूसरा उत्तर प्रदेश के एक विभाग में कर्मचारी है। दो अविवाहित बेटियों में एक बेटी एमपी इंटर कॉलेज से पॉलिटेक्निक करने के बाद बीटेक कर रही है। दूसरी बेटी लॉ ग्रेजुएट है।
श्रद्धांजलि सभा में वेदव्यास सिंह, संजय सिंह, रितेश सिंह पटेल, ओमप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह, अक्षय मल्ल, विजय पटेल, सूरज पटेल, अविनाश पटेल, दुर्गेश पटेल, अरविंद मल्ल, मोहन सिंह, एडवोकेट जितेंद्र सिंह पटेल कुशीनगर, राम सिंह प्रधान, राजीव सिंह, बृजेश पटेल, ओम प्रकाश सिंह के साथ सैकड़ों लोग उपस्थित थे। सभा की अध्यक्षता बाबू रामशरण सिंह ने की।
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