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ऑपरेशन सिंदूर भारत की राजनीतिक, सामाजिक व सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक: राजनाथ

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लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं , बल्कि यह भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है।
श्री सिंह ने रविवार को यहां ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण सुविधा केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर अपने वर्चुअल संबोधन में इस ऑपरेशन को भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और सशस्त्र बलों की क्षमता तथा दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन बताया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने भारत की धरती पर भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों के हाथों अपने प्रियजनों को खोने वाले निर्दोष परिवारों के लिए न्याय सुनिश्चित किया।


रक्षा मंत्री ने कहा,“ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को इस बात का प्रमाण बताया कि जब भी भारत आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करता है, तो सीमा पार की जमीन भी आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सुरक्षित नहीं होती है।
उन्होंने कहा,“उरी घटना के बाद सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक और अब पहलगाम हमले के बाद कई स्ट्राइक के जरिए दुनिया ने देखा है कि अगर भारत की धरती पर आतंकी हमला होता है तो वह क्या कर सकता है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह नया भारत सीमा के दोनों ओर आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करेगा।”


श्री सिंह ने कहा कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए शुरू किया गया था और इसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया, लेकिन पाकिस्तान ने भारत में नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया और मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों पर हमला करने की कोशिश की। उन्होंने कहा,“हमारे सशस्त्र बलों ने वीरता और संयम का परिचय दिया और पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर हमला करके मुंहतोड़ जवाब दिया। हमने न केवल सीमा से सटे सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई की, बल्कि हमारे सशस्त्र बलों का आक्रोश रावलपिंडी तक पहुंच गया, जहां पाकिस्तानी सैन्य मुख्यालय स्थित है।”


ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण सुविधा केंद्र पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयासों को मजबूत करेगा और महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करके क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देगा। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर उद्घाटन को एक ऐतिहासिक क्षण बताया, जो भारत की बढ़ती नवीन ऊर्जा को दर्शाता है और महत्वपूर्ण, उच्च अंत और अग्रणी प्रौद्योगिकियों में तेजी से वैश्विक परिवर्तन के साथ संरेखित करता है।


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