जेसीबी लगाकर कराया जा रहा मनरेगा कार्य
बस्ती (परसरामपुर)। ग्राम पंचायत रायपुर में तैनात सचिव ही मनरेगा भ्रष्टाचार के सहयोगी बने हैं। जेसीबी मशीन लगाओ मनरेगा मजदूर हटाओ की नीति के आधार पर रायपुर में लूटखसोट जारी है।
ग्राम पंचायत रायपुर में दो साइडों पर ऑनलाइन मनरेगा कार्य का मस्टर रोल जारी है। दोनों साइडों पर 137 मनरेगा मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी लग रही है। दोनों साइडों पर एक भी मनरेगा मजदूर काम नहीं कर रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत रायपुर में मनरेगा मजदूरों से कम जेसीबी मशीन से ज्यादा से ज्यादा कार्य कराया जाता है। बाद में मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर सरकारी धन की बंदरबाट की जा रही है।
रोजगार सेवक, सचिव एवं तकनीकी सहायक ग्राम पंचायत में विकास कराने के बजाय मनमानी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी फेरने में ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, सचिव और तकनीकी सहायक कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इससे प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है। ग्राम प्रधान द्वारा जमीन पर विकास कार्य न कराकर कागज में कार्य करवाया जा रहा है।
इस संबंध में ग्राम प्रधान ने मनरेगा कार्यों के बारे में जानकारी देने से इन्कार कर दिया। सचिव आलोक दिवाकर ने फोन को रिसीव नहीं किया। तकनीकी सहायक अजीत सिंह का कहना है कि तालाब की खुदाई एवं मिट्टी पटाई कार्य जेसीबी मशीन से कराया गया होगा तो जांच में कर मशीन से कराए गए कार्य का एमबी नहीं होगा और न ही फर्जी भुगतान होगा। उक्त प्रकरण में खंड विकास अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने कहा कि जांच कराकर कार्रवाई की जायेगी। हर हालत में फर्जी भुगतान नहीं होगा।
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