बीजेपी के काम नहीं आए राम, लल्लू सिंह को मिली करारी हार
अयोध्या। फैजाबाद लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद 54 हजार से अधिक वोटों से जीत गए। सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद 527005 वोट मिले। जबकि बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह 472222 वोट मिले हैं। चुनावी भाषणों में राम मंदिर का जिक्र करके भाजपा ने इसका सियासी लाभ लेने की कोशिश की लेकिन रामनगरी में भगवा पार्टी की हालत ऐसी है कि लगता है जैसे ये मुद्दा बैकफायर कर गया है। योगी आदित्यनाथ का विपक्षी दलों के नेताओं को ‘रामद्रोही’ करार देना भी काम नहीं आया। अब हालत ये हो गई कि राम राजनीति की राजधानी कही जाने वाली अयोध्या में ही भाजपा को बड़ी हार मिली है।
फैजाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के लल्लू सिंह को सपा के अवधेश प्रसाद ने हरा दिया है। यह वही फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र है, जिसके अंतर्गत अयोध्या आती है। अयोध्या में इस साल के शुरुआत में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई थी। नरेंद्र मोदी ने खुद मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की थी। इस कार्यक्रम को लेकर काफी सियासी विवाद भी हुआ था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि भाजपा लोकसभा चुनाव में फायदा उठाने के लिए अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करा रही है।
विपक्षी दलों ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को बीजेपी का अपना इवेंट बताकर इससे किनारा कर लिया था।इधर भाजपा ने विपक्ष के इस स्टैंड को लेकर जवाबी हमले शुरू कर दिए। भाजपा ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता रामद्रोही हैं और उन लोगों का समर्थन करते हैं, जो राम जन्मभूमि स्थान पर मस्जिद होने का दावा करते हैं। योगी आदित्यनाथ से लेकर नरेंद्र मोदी तक ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के विपक्षी दलों द्वारा बायकॉट करने पर उस पर निशाना साधा।
योगी आदित्यनाथ ने तो यहां तक कह दिया कि यह चुनाव रामभक्तों और राम द्रोहियों के बीच हो रहा है। उनके बयान में रामभक्त का मतलब वे लोग थे, जो राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। रामद्रोही वे थे, जिन्होंने ऐसा नहीं किया या फिर वे राम मंदिर आंदोलन के दौरान कार सेवकों पर गोली चलवाने वाले लोगों के साथ खड़े थे। उनका निशाना साफतौर पर सपा की ओर था। योगी अपने भाषणों में जनता से वोट देने की अपील करते हुए यह भी कहते थे कि जो राम को लाए हैं, यूपी की जनता उन्हें ही सत्ता में लाएगी।
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