भाकपा नेता का आरोप-भाजपा ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलाया हुआ है आर्थिक और सामाजिक युद्ध
लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय सचिव डॉ. गिरीश ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक महिलाओं का हितैषी होने के जितने भी दावे करे, सच तो यह है कि उसने अल्पसंख्यकों के खिलाफ आर्थिक और सामाजिक युद्ध छेड़ रखा है। उहोंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक महिलाओं के हक में खड़े होने और न्याय दिलाने के तमाम दावे करती है। तीन तलाक कानून लाकर उसने ऐसा ही ढिंढोरा पीटा था। अब अयोध्या में बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म पर पूरी तरह से राजनैतिक रोटियां सेक रही है।
उन्होंने कहा कि इस दुष्कर्म और हर ऐसी घटना की भाकपा कठोरतम शब्दों में निंदा करती है। भाकपा की यह स्पष्ट राय है कि आरोपी को मौजूदा कानूनों के तहत कठोरतम सजा दी जाए, पर किसी परिवार के जीवनयापन के आर्थिक स्रोत को मनमाने तरीके से रौंद देना कानून विरोधी तो है ही, आर्थिक रूप से उसे पंगु बनाना भी है। सच कहा जाए तो यह जंगल का कानून है जिसने अरब देशों के सामंतयुगीन कानूनों को पीछे छोड़ दिया है। बुलडोजर चला कर आर्थिक स्रोतों को विनष्ट करने के साथ ही भाजपा और उसकी सरकार मुस्लिम बालिकाओं के साथ किस तरह का दोहरा वरताव कर रही है, केवल एक उदाहरण से स्पष्ट है। उत्तर प्रदेश में सरकार ने अपने तुगलकी निर्णय के तहत सन 2022 से अल्पसंख्यक समाज की लड़कियों की शादी के मौके पर दिये जाने वाले अनुदान को बंद कर दिया है।
डा. गिरीश ने कहा कि अब यह अनुदान बहुत सीमित संख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग की लड़कियों की शादी में दिया जाता है। मुस्लिम लड़कियों के फार्म यह कह कर रद्द कर दिये जाते हैं कि आप जिला अल्पसंख्यक अधिकारी से संपर्क करें। जबकि अल्पसंख्यक अधिकारी कार्यालय को इस मद में कोई बजट ही आवंटित नहीं किया जाता। अल्पसंख्यक लड़कियों को शादी के अनुदान से वंचित करना, तीन तलाक कानून-परिवार बांटने वाला कानून बनाना, सीएए, बुलडोजरवाद और अब वक्फ कानून आदि भाजपा द्वारा अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलाये जा रहे इसी आर्थिक-सामाजिक युद्ध के हिस्से हैं। ये किसी सभ्य, लोकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्ष समाज के लिए कलंक तो हैं ही उसके समग्र विकास में बाधक भी हैं। डा. गिरीश ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकारों को अपने क्रियाकलापों में तत्काल सुधार करना चाहिए।
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