Home देश हिंसा व तोड़फोड़ कर रहे कांवडिय़ों को महिमा मंडित करना संविधान विरोधी और सरकारी राजस्व का दुरुपयोग : डॉ. गिरीश
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हिंसा व तोड़फोड़ कर रहे कांवडिय़ों को महिमा मंडित करना संविधान विरोधी और सरकारी राजस्व का दुरुपयोग : डॉ. गिरीश

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भाकपा नेता बोले-जमीन खो चुकी भाजपा सरकारों का तुष्टीकरण सामाजिक तानेबाने को तोड़ रहा


लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय सचिव डॉ. गिरीश ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के साथ भाजपा शासित अन्य राज्यों की सरकारों पर आरोप लगाया है कि वे अपनी घिसी-पिटी और भारत की बहुसंख्य जनता द्वारा ठुकराई जा चुकी हिन्दुत्व की विचारधारा को पुनर्जीवन करने के उद्देश्य से कांवड़ यात्राओं का इस्तेमाल कर रही हैं। उनका यह कृत्य संविधान विरोधी एवं समाज की समरसता के लिए घातक हैं।


उन्होंने कहा कि कांवडिय़ों के समूह राहगीरों, दूकानदारों, वाहन चालकों आदि पर खूनी हमले कर रहे हैं। वे वाहन तोड़ रहे हैं। स्कूल बसों पर पथराव कर बच्चों को घायल कर रहे हैं। होटलों और दुकानों को तोड़ रहे हैं। वाहन चालकों, सवारियों और दूकानदारों को पीट कर लहूलुहान कर रहे हैं। एक तिपहिया चालक की गाड़ी तो नष्ट कर ही दी, गंभीर रूप से घायल उसके चालक की मौत तक हो गयी। असुरक्षा के चलते बुजुर्गों, महिलाओं और अन्य नागरिकों ने उन मार्गों से निकलना बंद कर दिया है जिन मार्गों से कांवडि़ए निकल रहे हैं।


इतना ही नहीं हजारों ट्रकों के जहां-तहां रोके जाने से करोड़ों रुपये की आर्थिक हानि भी देश को उठानी पड़ रही है। कानून-व्यवस्था की रक्षा के लिए तैनात पुलिस के सामने ही कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाले इन समूहों पर कानून सम्मत कार्रवाई करने के बजाय राजकीय मशीनरी उनकी आवभगत में लगी है। उन पर सरकारी पैसे से हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई जा रही है। उनके लिए सरकारी खर्च पर शामियाने लगाए गए हैं। सरकार की ओर से खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराये जा रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों की इन शामियानों में तैनाती की गयी है तथा पुलिस प्रशासन को हिदायत दी गयी है कि वे उनके लिए हर तरह की सुविधाएं जुटाएं। यही नहीं पुलिस को हिदायत है कि वे जो भी करें करने दिया जाये। स्वतंत्र भारत के इतिहास में सरकारी संरक्षण में ऐसा जंगल राज पहले कभी नहीं देखा गया।


डॉ. गिरीश ने कहा कि हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है और उसमें हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था है। फिर कैसे कोई राज्य सरकार धर्म के नाम पर निकल पड़े अराजक गिरोहों को सरकारी तौर पर महिमा मंडित कर सकती है। उन पर सरकारी धन व्यय कर सकती है। कैसे उन्हें नागरिकों को मारने-पीटने, वाहन तोडऩे, मकानों व दुकानों को तोडऩे की इजाजत दी जा सकती है। यहां तक कि आए दिन सामान्य लोगों पर बुलडोजर चलाने वाले मुख्यमंत्रियों ने आज तक उनके इन कृत्यों की निंदा नहीं की और न ही पुलिस-प्रशासन को उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं।


सभी जानते हैं कि लोकसभा चुनावों में भाजपा की खिसक चुकी जमीन को धार्मिक तुष्टीकरण के जरिये पुन: हासिल करने का प्रयास है। पर, यह है बहुत घातक है। कांवड़ ढो रहे जिन नौजवानों को शिक्षा और रोजगार देने की आवश्यकता है, भाजपा उन्हें अपनी अंध समर्थक भीड़ में तब्दील कर रही है। बड़े पैमाने पर नागरिक इसकी निंदा भी कर रहे हैं पर वोटलोलुप भाजपा सरकारें इस पर ध्यान नहीं दे रही हैं। सरकार अपने इन घातक कदमों पर पुनर्विचार करके नागरिकों, संपत्ति और संविधान की रक्षा करेगी।

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