राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठन, उपायुक्त ने भेजा नोटिस
बांदा। बड़ोखर खुर्द ब्लॉक में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूह में करीब 70 लाख रुपये के घपले का मामला सामने आया है। उपायुक्त ने ब्लॉक मिशन मैनेजर और ग्राम संगठन अध्यक्ष सहित 15 महिलाओं को नोटिस भेजकर 10 दिन की मोहलत दी है। इस अवधि में राशि नहीं जमा की तो सभी के खिलाफ एफआईआर होगी। इनसे राजस्व की भांति वसूली की जाएगी।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बड़ोखर खुर्द ब्लाक में करीब एक हजार से ज्यादा समूह गठित हैं। शासन की मंशा है कि गांवों की गरीब महिलाओं को समूह से जोडक़र उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए। करीब 10-10 महिलाओं को एकजुट कर समूह गठित किए गए हैं। फिर करीब 15 समूहों को मिलाकर ग्राम संगठन बनाया गया है। बड़ोखर खुर्द ब्लाक में डिंगवाही गांव निवासी कमलेश कुमार ग्राम संगठन समूह की अध्यक्ष हैं। पिछले वर्ष ग्राम संगठन में सीएलएफ योजना के तहत धनराशि भेजी गई थी।
ब्लॉक मिशन मैनेजर आकांक्षा कुशवाहा ने ग्राम संगठन के खातों में पांच-पांच लाख रुपये भेजे, जो नियम विरुद्ध है। पैसे भेजने के बाद करीब 15 दिन में समूह की महिलाओं पर दबाव बनाकर उनके बैंकों के जरिए नकद पैसे निकला लिए गए। इसमें ग्राम संगठन अध्यक्ष कमलेश कुमारी और बीएमएम आकांक्षा कुशवाहा की अहम भूमिका रही। इस तरह करीब 70 लाख रुपये निकाले गए। इसमें उन महिलाओं को भी दो से तीन हजार रुपये कमीशन दिया गया।बाकी का पैसा बीएमएम और ग्राम संगठन अध्यक्ष ने हजम कर लिया। खुद को फंसते देख बीएमएम आकांक्षा ने नौकरी छोड़ दी।
शिकायत उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो अफरातफरी मच गई। सीडीओ के आदेश पर एनआरएलएम उपायुक्त भइयन लाल ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई। जांच टीम में जिला मिशन प्रबंधक शालिनी जैन, धनंजय जायसवाल व राकेश सोनकर शामिल रहे। जांच रिपोर्ट में टीम ने बीएमएम व ग्राम संगठन अध्यक्ष सहित 15 महिलाओं को आरोपी बनाया है। उपायुक्त ने ब्लॉक मिशन मैनेजर सहित सभी महिलाओं को चेतावनी नोटिस जारी किया है। 10 दिन में धनराशि न जमा करने पर एफआईआर कराने और राजस्व की भांति धनराशि की वसूली करने की चेतावनी दी है।
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