तीन गोल्ड मेडल के साथ टॉप टेन में 19 छात्र-छात्राओं ने अपना लोहा मनवाया
वाराणसी। वर्ष 2013 से संचालित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गंगापुर परिसर का शैक्षणिक अध्याय निरंतर नए-नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए प्रगति पथ पर अग्रसर रहा है। वर्ष 2023 की 45वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय का डॉ विभूति नारायण सिंह गंगापुर परिसर ने तीन स्वर्ण पदक प्राप्त कर अकादमीक विशिष्टता का परिचय दिया है।
विश्वविद्यालय के विभिन्नपाठ्यक्रमों के संचालन हेतु शुरू किए गए इस परिसर का संपूर्ण दायित्व यहां कार्यरत शिक्षकों के ऊपर रहा है जिनके हाथों में ग्रामीण परिवेश और नगरीय क्षेत्र से आने वाले विद्यार्थियों के अध्ययन क्षमता का विकास और अध्यापन कौशल की उत्कृष्टता का दायित्व रहा है।
उपलब्ध सीमित संसाधनों के साथ अपने संवेदनशील ऊर्जा का परिचय देते हुए यहां के शिक्षकों ने संपूर्ण शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक दायित्व का निर्वहन करते हुए अपनी उत्कृष्टता का परिचय दिया और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वे दीक्षांत समारोह 2023 में विभिन्न पाठ्यक्रमों के अंतर्गत 19 विद्यार्थियों ने शीर्षस्थ दस की सूची में स्थान प्राप्त किया। स्नातक स्तर में ललित कला के जयश्री डे, वाणिज्य के विद्यार्थी सुश्री इशिका को और परास्नातक समाजशास्त्र में सुश्री अनन्या मौर्य को देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के द्वारा गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ।
सम्पूर्णता में शीर्षस्थ सूची में, स्नातक स्तर पर वाणिज्य विषय के हर्ष कुमार पांडेय (छठा स्थान) और तरन्नुम (दशम स्थान), कला और मानविकी से वैशाली कुमारी (पांचवा स्थान) तथा ललितकला की सुश्री सपना मौर्य (8वां स्थान) प्राप्त किया वहीं स्नातकोत्तर समाजशास्त्र में कोमल श्रीवास्तव (छठा स्थान), राजनीति विज्ञान में नीलिमा विश्वकर्मा (द्वितीय स्थान) आराधना पाठक (तृतीय स्थान) और राहुल सिंह ने चतुर्थ स्थान हिंदी में दयानंद यादव ने (नौवां स्थान) तथा ललित कला में शालिनी गांगुली (तीसरा स्थान) वाणिज्य परास्नातक में आजाद अली (द्वितीय स्थान) प्रियंका साहनी (तृतीय स्थान ) प्रगति श्रीवास्तव (दशम स्थान) तथा इतिहास में मृत्युंजय पांडे (तृतीय स्थान), कुमारी आंचल मौर्य (चतुर्थ स्थान) और पूजा गुप्ता ने (पांचवा स्थान) प्राप्त कर डॉ0 विभूति नारायण सिंह गंगापुर परिसर के गौरव को बढ़ाया है।
ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का यह द्वितीय परिसर वास्तव में महात्मा गांधी के उसे स्वप्न को साकार करता प्रतीत हो रहा है जिसमें जन-जन को शिक्षित करने का संदेश छुपा है। ऐसे में आज के विद्यार्थियों के लिए यह प्रांगण अनेक शैक्षिक अवसरों को उपलब्ध कराता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आनंद कुमार त्यागी ने यहां के शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को इस उपलब्धि के लिए विशेष शुभकामनाएं दी है।
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