Home उत्तर प्रदेश मंदिरों का पैसा अनुसूचित समाज के कल्याण में लगना चाहिए: शंकर स्वामी
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मंदिरों का पैसा अनुसूचित समाज के कल्याण में लगना चाहिए: शंकर स्वामी

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प्रयागराज। शंकर स्वामी ने तेलांगाना, आन्ध्र प्रदेश व केरल के एक लाख हिन्दू परिवारों में लक्ष्मी की मूर्ति के वितरण का संकल्प लिया है। मूर्ति वितरण का कार्य उन्होंने महाकुंभ से शुरू कर दिया है। शंकर स्वामी कर्नाटक के वीर शैव सम्प्रदाय के संत हैं। वह तेलांगाना संत परिषद के अध्यक्ष व विश्व हिन्दू परिषद मार्गदर्शक मण्डल के सदस्य हैं। सामाजिक समरसता के लिए उन्होंने तेलांगाना में कई अभिनव प्रयोग शुरू किये हैं।

तेलांगाना के प्रख्यात संत व श्री मनिकेशा महासंस्थानम तेलांगाना के पीठाधीश्वर शंकर स्वामी ने बताया कि अनुसूचित समाज के साथ जो भेदभाव होता है उनके ऊपर जो अत्याचार होता है वह बाहर तो नहीं दिखता है लेकिन उनकी जिंदगी में बदलाव नहीं आया है। तेलांगाना व आन्ध्र प्रदेश में अभी भी उनके साथ भेदभाव होता है। कई क्षेत्रों में तो जातिगत भेदभाव बहुत ज्यादा है। आर्थिक दृष्टि से वह काफी पीछे हैं। इसलिए तथाकथित सवर्ण लोग भी परेशान करते हैं और मतांतरण न करने की वजह से ईसाई सामाजिक बहिष्कार तक भी करते हैं। घर जाने के लिए रास्ता बंद कर देते हैं। उनके घरों पर पत्थरबाजी कराते हैं। मतांतरण करने के लिए दबाव बनाते हैं। अपनी संपत्ति व घर बेंचने के लिए मजबूर करते हैं।

हिन्दू समाज में मतांतरण को रोकने के विषय पर कहा कि जब संत स्वयं सेवा बस्तियों में जायेंगे सत्संग करेंगे और अनुसूचित समाज के बंधुओं के साथ बैठकर भोजन प्रसाद ग्रहण करेंगे तो मतांतरण जरूर बंद हो जायेगा। उन्होंने कहा कि गरीबी का फायदा उठाकर ईसाई अनुसूचित समाज का मतांतरण कराते हैं।


हिन्दू धर्म के मंदिरों का पैसा अनुसूचित जाति के कल्याण व हिन्दू धर्म के प्रचार में लगाना चाहिए। मंदिरों का पैसा दलितों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी भारत में दलित समाज की दयनीय स्थिति है उसके लिए राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदार हैं। अभी भी कई पार्टियां सनातन विरोधी हैं। कांग्रेस पार्टी हिन्दू समाज को बांटने का काम कर रही है।

सामाजिक भेदभाव को दूर करने के उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सोच बदलने की आवश्यकता है। अभी तक दलित समुदाय के लोगों को सनातन धर्म क्या हैं इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। तिलक मंत्र व पूजा पाठ का एक श्लोक भी पता नहीं है। दिल्ली में भाजपा की विजय पर कहा कि दिल्ली की जनता ने सनातन धर्म के विरोधियों को हराया है। अरविन्द केजरीवाल ने हिन्दू समाज में भ्रम फैलाने और हिन्दू और मुस्लिम के रूप में बांटने का काम किया। ऐसे लोगों को हिन्दू समाज समझ गया और ओबीसी, एसएसी और एसटी समुदाय ने एक होकर भाजपा को जिताया। हम भी चुनाव के दौरान दिल्ली के कम से कम 400 दलित परिवारों में गए, लक्ष्मी मूर्ति दी और उनके घरों में भोजन किया।

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