लगाई जाएगी कोदंड श्रीराम व बाबा तुलसी की प्रतिमा
अयोध्या। रामनगरी के तुलसी स्मारक भवन में कोदंड श्रीराम और बाबा तुलसी की प्रतिमा लगेगी। 19 करोड़ रुपए की लागत से तुलसी स्मारक भवन का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। अब यहां से श्रीïराम और वैदिक वांग्मय पर शोध को नया आयाम दिए जाने की तैयारी है। प्रदेश कि योगी सरकार से पोषित अंतरराष्ट्रीय रामायण एंव वैदिक शोध संस्थान का यही केंद्र है। श्री राम से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण अभिलेखों और तथ्यों को यहां सहेजा गया है। यहां अनवरत राम लीला भी चल रही है।
क्या-क्या होना है परिवर्तन
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि तुलसी स्मारक भवन के पुराने भवन का जीर्णोद्वार करके नया भवन तैयार किया जा रहा है। इसमें बेसमेन्ट पर पुस्तकालय, ग्राउण्ड फ्लोर पर इंटरनेशनल आर्ट गैलरी प्रथम तल पर कार्यालय और रामलीला हॉल का निर्माण, द्वितीय तल पर इन्टरनेशनल आर्ट गैलरी, आडियो वीडियो, आर्ट गैलरी व डारमेट्री का निर्माण और तृतीय ताल पर इन्टरनेशनल आर्ट गैलरी तथा टैरेस पर वाटर टैक व मुमटी बनाई जा रही है। इसके साथ ही अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। इसके लुक को बदला जा रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोधार्थी यहां आ सके कि इसका जीणोद्धार इस दृष्टि से कराया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीराम और वैदिक विषयों पर शोध हो सके। इसके प्रथम तल पर कोदंड श्री राम और गोस्वामी तुलसीदास की प्रतिमा लगाई जाएगी। यह आमने-सामने होगी। स्मारक भवन में यह आकर्षण का केंद्र होगी। भवन का भव्य पुस्तकालय बेसमेट में है।
बताते हैं कि किताबों के मामले यह काफी समृद्ध है। इसमें श्रीराम से जुड़े तथ्यों और अभिलेखों को सहेजा गया है। इसे और समृद्ध किया जा रहा है। यहां श्री राम से जुड़ी देश विदेश की कलाकृतियां हैं। इनको प्रदर्शित किया जाएगा। बताया कि स्मारक भवन का पूरा एक सेक्शन अंतरराष्ट्रीय रामायण और वैदिक शोध से जुड़ा होगा। जहां देश- -विदेश के शोधार्थी आकर अपना शोध कर सकें। इससे शोध को बढ़ावा मिले। बताया कि इस केंद्र से रामोत्सव सहित कई तरह के उत्सव मनाए जाएंगे। बताया कि जीर्णोद्धार के चलते यहां के क्रियाकलाप पर असर रहा है। इसी माह निर्माण पूरा करा लिया जाएगा।
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