मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौप बुलंद की आवाज
सोनभद्र। परिषदीय अनुदेशक कल्याण संगठन के पदाधिकारी द्वारा गुरुवार को एक दिवासी कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए 11 सूत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री नामित दम प्रतिनिधि को सौप कर बुलंद की आवाज वही जिला अध्यक्ष रविंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों की मौलिक समस्याओं। एवं महिला अनुदेशकों की मानवीय एवं मूलभूत समस्याओं पर लगातार सरकारी उपेक्षा किए जा रहे हैं वही हमारी प्रमुख मांगेयह कि शिक्षा अधिकार अधिनियम से नियुक्त अनुदेशक पिछले दस वर्षों से पुर्ण कालिक कार्य करते हुए नौनिहालों का भविष्य संवार रहे हैं। अधिसंख्य अनुदेशकों की उम्र सीमा 40 वर्ष पार कर चुकी है। अतः नवीन शिक्षा नीति के अनुसार हम अनुदेशकों को नियमित किया जाए।यह कि नियमितीकरण होने तक तत्काल प्रभाव से 12 माह के लिए समान कार्य, समान वेतन की व्यवस्था लागू की जाए।यह कि नवीनीकरण के नाम पर हम अनुदेशकों का अमानवीय शोषण किया जाता है। शोषण के कुकृत्य ऐसे हैं जिसे सिर्फ संवेदनशील सरकार ही समझ सकती है। अतः स्वतः नवीनीकरण व्यवस्था लागू हो।यह कि सरकार द्वारा हम अनुदेशकों के विरुद्ध अदालतों में चलाई जा रही समस्त कार्यवाही अविलंब वापस लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय डबल बेंच में पारित निर्णय एवं दिशानिर्देशों को तत्काल प्रभाव से निष्पादित किया जाए।महिला अनुदेशकों का अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।यह कि अत्यंत अल्प मानदेय से रुग्ण हो चुके हम अनुदेशकों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।यह कि हम अनुदेशकों के भविष्य एवं आकस्मिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा (EPF) की गारंटी दिया जाए।यह कि 100 छात्र संख्या की तलवार का प्रयोग शिक्षकों द्वारा अनुदेशकों के सम्बन्ध में जानबूझकर किया जा रहा। ऐसे में शोषण से बचाव के राहत कारी उपाय किये जाएं। मात्र अनुदेशकों को जिम्मेदार मानकर एकतरफा कार्यवाही नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है।यह कि हम अनुदेशकों को 10 संयोगी अवकाश (CL) के अलावा कोई छुट्टी नहीं है। जो कि मानवाधिकारों के विरुद्ध है अतः अनुदेशकों को भी शिक्षकों की तरह ही आकस्मिक अवकाश, चिकित्सकीय मानवाधिकारों के विरुद्ध है अवकाश (CCL) एवं मातृत्व अवकाश का उपबंध किया जाए।यह कि अत्यंत अल्प मानदेय एवं सरकार द्वारा अनुदेशकों को लगातार कोर्ट में उलझाए, लटकाने के परिणामस्वरूप स्वयं के व्यवस्था से आनलाइन गतिविधियों का संचालन तकनीकी रूप से असम्भव हो चला है। हम अनुदेशक कर्मठता और ईमानदारी से समस्त गतिविधियां आफलाइन मोड में ही निष्पादित करेंगे।यह कि अत्यंत अल्प मानदेय एवं संकीर्ण सामाजिक स्थिति के कारण हम अनुदेशक मानवीय गरिमा के अनुकूल सामान्य जीवनचर्या से तालमेल नहीं बना पा रहे। परिणामस्वरूप कार्यस्थलों पर शोषण एवं असहजता से अवसाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है।वही अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के आलोक में बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिकारों के प्रवर्तन के लिए हम अनुदेशकों की उपरोक्त समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो।शीघ्र ही कार्यवाही न किए जाने पर उत्तर प्रदेश के समस्त अनुदेशक उपरोक्त शोषण, एवं अत्याचार के विरुद्ध दिनांक 27-12- 2023 से प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आन्दोलन करने के लिए बाध्य होगा।जिसकी समस्त जिम्मेदारी आप अभिभावक की ही होगी।अनुदेशकों के अकथनीय, असाधारण पीड़ा एवं शोषण के आलोक में। वही श्री अध्यक्ष ने बताया कि में रोड से 10 15 किमी अंदर तैनात महिलाओं को समस्याओं को देखते हुए द्वितीय चरण के ट्रांसफर से पूर्व 100 से अधिक छात्र संख्या वाले नवनी विद्यालयों में रखवाया जाए इस मौके पर विमला देवी, संजय सिंह, शैलेंद्र कुमार, गुंजा चौरसिया ,अनुपम शर्मा, गायत्री सिंह, पूजा देवी, अनीता सिंह, आशा सिंह ,अल्पना सिंह ,साधना कुमारी, संजना मौर्य, सरिता, पूनम भारती ,अमित कुमार, सतीश यादव ,संतोष यादव, मुकेश राय ,सविता शर्मा ,सुनीता सिंह ,अनुपम ,वर्षा, रानी, शिमला, सुनीता, गायत्री सिंह ,किरण कुमारी ,सौरभ पांडे सहित दर्जनों मौजूद रहे।
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