नई दिल्ली। साहित्य, समाज एवं कला को समर्पित साहित्यक संस्था परिवर्तन साहित्यिक मंच, दिल्ली लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। इसी कड़ी में हाल में गत 13 जुलाई को हुए परिर्वतन के लोकप्रिय पाक्षिक ‘वार्ता’ कार्यक्रम ने अपने 100 भाग पूरे कर लिए हैं।
इस खास एपिसोड का विषय ‘बुद्ध जैसा कोई नहीं’ रहा जिसमें वक्ता के रूप में समकालीन रचनाकार, कवि, चिंतक तेज प्रताप नारायण ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। उन्होंने बुद्ध के विचारों व सिद्धांतो पर अपने विचार रखें। पूरे कार्यक्रम में श्रोताओं में एक खास उत्साह भी देखने को मिला।
तेज प्रताप नारायण की हाल ही में प्रकाशित कृति ‘बुद्ध होने के मायने’ काफ़ी चर्चा में बनी हुई है। लेखक ने कहा कि वर्तमान में बुद्ध की सबसे ज़्यादा जरूरत है। मानवता का आधार है बुद्ध और उनका चिंतन। मालूम हो कि वार्ता के मंच पर अब तक कई प्रसिद्ध कलाकार, साहित्यकार आ चुके हैं जिसमें उर्मिला शिरीष, राजेन्द्र प्रसाद सिंह, रणविजय, विमलेश गंगवार, जय प्रकाश फाकिर, विजया सिंह, चंद्रदेव यादव, रामाशंकर कुशवाहा, रवींद्र कुमार, सैयद जिया अल्वी, अनिता भारती, रंगकर्मी प्रदीप कुमार आदि के नाम शामिल हैं। वार्ता कार्यक्रम का संचालन लंबे समय से डॉ. ऋतु रानी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने वार्ता की इस उपलब्धि पर परिर्वतन की समस्त टीम और श्रोताओं को धन्यवाद दिया।
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