सरकार की ओर से पहल न होने से नाराज है आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में एक बार फिर सुनवाई न होने से अभ्यर्थी हताश और परेशान है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस प्रकरण की सुनवाई चार मार्च को होगी।
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा की इस प्रकरण के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट से डेट मिल रही। अमरेंद्र ने कहा कि हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं सरकार से मांग करते हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही। सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत है।
पटेल ने कहा कि बाराबंकी सांसद तनुज पुनिया ने मंगलवार को एक बार फिर 69000 शिक्षक भर्ती मामले को मीडिया के सामने उठाया है। हम उनका आभार व्यक्त करते है। देश की सभी पार्टियों को इस मुद्दे पर एक साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस करना चाहिए और सरकार से जवाब मागना चाहिए। हम देश के सभी दलों को पूरी जानकारी और सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण हम अभ्यर्थी दर -दर की ठोकर खा रहे हैं जबकि हमें हाईकोर्ट डबल बेंच ने न्याय देते हुए फैसला हमारे पक्ष में सुनाया हैं। सरकार की लापरवाही के कारण यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है।
अमरेंद्र पटेल ने कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाई कोर्ट का ऑर्डर, सभी उनके पक्ष में हैं। लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा और हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है। 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन 2018 में किया गया था।
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