लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार के 2025-26 के बजट को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह बजट व्यापक जनहित और जनकल्याण के प्रति ज्यादा केंद्रित होता, तो यह बेहतर होता।
उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन को दूर करने के प्रति सरकार की नीति और नीयत में स्पष्ट अभाव है, जिससे सही विकास संभव नहीं हो सकता।मायावती ने कहा कि यह बजट मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण पर आधारित है, जबकि सरकारों की प्राथमिक जिम्मेदारी करोड़ों गरीब परिवारों की दरिद्रता दूर करने और उन्हें एक बेहतर जीवन देने की होनी चाहिए।
उन्होंने इसे संविधान के ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के सिद्धांत के खिलाफ बताया और कहा कि इसका पूरा न होना चिंतनीय है।बसपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश के गांव, शहर और तमाम क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। जब जनता सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रही है, तब सरकार उन्हें सिर्फ सपने दिखाने में व्यस्त है। यह समस्या का सही समाधान नहीं है।
उन्होंने भाजपा सरकार के उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें कहा जाता है कि इससे पहले यूपी बदहाल था। मायावती ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि बसपा के शासन में जनकल्याण, कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के मामले में बेहतरीन प्रशासन था, जिसे लोग अब तरस रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियों ने बहुजन समाज को बदहाल कर दिया है।
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