लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री नव्व अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के बजट 2025-26 को दिशाहीन और खोखला करार देते हुए कहा कि इसमें न कोई विजन है, न कोई स्पष्ट रोडमैप। प्रदेश को किस दिशा में ले जाना है, इसका जिक्र तक नहीं किया गया।
भाजपा सरकार के इस नौवें बजट में उसके संकल्प पत्र से भी कोई तालमेल नहीं दिखता।प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यह बजट महज एक बड़ा ढोल है, जिसमें अंदर से कुछ नहीं है। किसानों, युवाओं और आम जनता को लेकर सरकार की नीयत स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कटाक्ष किया कि बजट देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया, महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें गहरी हो गईं, और बेरोजगारों के सामने अंधकार छा गया। व्यापारी और कारोबारी पहले से ही मंदी की मार झेल रहे थे, अब इस बजट ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी को दूर करने के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। किसानों से किए गए वादे अधूरे हैं—न मुफ्त सिंचाई बिजली मिली, न 25 हजार करोड़ के एग्रो इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की कोई चर्चा हुई। छात्रों को लैपटॉप देने का वादा किया गया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान तक नहीं किया गया, जबकि भाजपा ने 14 दिनों के भीतर भुगतान और विलंब होने पर ब्याज सहित अदायगी का वादा किया था।उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की नीतियों ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। विश्वविद्यालयों को पर्याप्त बजट नहीं दिया जा रहा, जिससे वे संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। देशभर में 11 लाख प्राथमिक विद्यालय बंद हो चुके हैं, जिनमें से सबसे अधिक यूपी में हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री के गृह क्षेत्र में ही मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं और स्टाफ की भारी कमी है। कैंसर, हार्ट और किडनी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों को नहीं मिल रहा। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज और एम्स में कैंसर का इलाज नहीं है, और मरीजों को लखनऊ के कैंसर संस्थान ही आना पड़ रहा है।अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन अब वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का जिक्र तक नहीं किया जा रहा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा विकास दर को देखते हुए यह सरकार उस लक्ष्य को कभी हासिल नहीं कर सकती। उन्होंने इस बजट को जनता के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि यह महज कागजी घोषणाओं का पुलिंदा है, जिसमें न कोई ठोस योजना है और न ही किसी के भविष्य को संवारने का रोडमैप।
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