कुंभ में हो रही अर्थव्यवस्थाओं पर कसा तंज
बीजेपी पार्टी अपने ही कार्यकर्ता के यहां डलवाती छापे
कन्नौज में रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने को लेकर लगाया भ्रष्टाचार आरोप
गंगा सफाई को लेकर लगाया भ्रष्टाचार आरोप
कन्नौज। सोशल मीडिया पर बैठकर यूपी के मुख्यमंत्री रील देखते रहते हैं। यह डबल इंजन की नहीं, बल्कि डबल बाबांडर की सरकार है। दिल्ली और लखनऊ की सरकार कुछ नहीं देख पा रही है। ये बातें सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज के समधन कस्बे में मीडिया से कहीं।
अखिलेश यादव मंगलवार को दिवंगत पूर्व चेयरमैन हाजी हसन सिद्दीकी के आवास समधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने गए थे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इसके बाद अखिलेश यादव कन्नौज पहुंचे। जहां सपा नेता आकाश शाक्य के आवास पर आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल हुए।कन्नौज रेलवे स्टेशन पर लिंटर गिरने को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लगाया भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया ।बताया की किस तरह से भाजपा ने अपने चाहते ठेकेदारों को ठेका दिया और उसमें भी ठेकेदारों ने अन्य ठेकेदारों को ठेका दिया तो किस प्रकार से गुणवत्तापूर्ण कार्य हो पाएगा। किसको ठेका मिला वह कहां-कहां से सप्लाई सामान आया इन सबके नाम भाजपा उजागर करें। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा सफाई को लेकर भी लेकर भी लगाया भ्रष्टाचार का आरोप। कन्नौज में दूध प्लांट एग्रीकल्चर प्लांट बंद करने तो लेकर लगाया आरोप। प्लांट चालू रहते तो कई किसानों और दूध व्यवसायी को फायदा पहुंचता। कन्नौज में सपा सरकार कई विकास करण को रोकने का लगाया आरोप।
लखनऊ में अपने कार्यकर्ता को गिरफ्तार करने को लेकर लगाया मुख्यमंत्री पर आरोप की मुख्यमंत्री अपनी कमियों को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं विपक्षी पार्टी सरकार की नाकामियों को ज्यादा करती है तब सरकार तब सरकार कोई ना कोई कार्रवाई करती रहती है
अखिलेश ने कानपुर में पान मसाला कारोबारी व कन्नौज के इत्र व्यवसायी पर पड़े छापे का मुद्दा भी उठाया। कहां कि पहले पर व्यापारी को सपा पार्टी का बताया । अपने ही कार्यकर्ता के यहां छापा डलवा रही है सरकार सपा सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि बीजेपी पार्टी अपने ही लोगों की सगी नहीं है अपने ही लोगों पर छापे डलवाती है उन्होंने कहा कि जब नागरिक हथकड़ियों में जकड़े जाएंगे, तो बाजार और व्यापार में क्या ताकत रह जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार अपने देश के बाजार दूसरों को दे रही है और कारोबार बढ़ाने में कोई रुचि नहीं ले रही। जिससे अपनी इंडस्ट्री अर्थव्यवस्था कमजोर होती जा रही है और हम 5 मिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के नारे लगा रहे ।
सरकार ने महाकुंभ की तैयारी को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं कर पाए। लेकिन महा – प्रचार कुंभ रखा जाना चाहिए था ।लेकिन इंतजाम महा-प्रचार के लिए किए गए। सरकार ने दावा किया कि 100 करोड़ श्रद्धालु भी आएं तो उनके लिए व्यवस्थाएं पूरी रहेंगी, लेकिन व्यवस्थाओं के बजाय इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों और सोशल मीडिया पर प्रचार को तवज्जो दी गई। बड़े-बड़े चेहरे बुलाए गए, इंस्टाग्राम रील्स बनीं, लेकिन आम श्रद्धालुओं की परेशानी और अव्यवस्थाओं की गूंज अब सुनाई देने लगी है। सपा सुप्रीमों ने कहा कि
प्रयागराज की धरती पर कुंभ का आयोजन सम्राट हर्षवर्धन के समय से होता आ रहा है, लेकिन भाजपा इसे ‘पहली बार’ का आयोजन बताकर नया इतिहास लिखने में जुटी है। सरकार के 144 साल में एक बार होने वाले कुंभ के दावे पर सवाल उठ रहे हैं। ज्योतिष और खगोल विज्ञान की मानें तो 12 साल में एक बार कुंभ होता है, फिर ये 144 साल का आंकड़ा कहां से आया यह भाजपा सरकार बताएं। कुंभ में लगने वाली आग , सड़क मार्ग व नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर होने वाली भगदड़ से हुई मौतो के लिए के लिए भी बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया।
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