सिद्धार्थनगर। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने दलितों, पिछड़ों और गरीबों को मिलने वाले आरक्षण को वापस लेकर यह सिद्ध कर दिया कि बीजेपी की तरह कांग्रेस भी संविधान व आरक्षण विरोधी है। उक्त बातें बसपा के जिला उपाध्यक्ष शमीम अहमद ने कहीं। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी व उसकी मुखिया बहन मायावती ही आरक्षण व संविधान को लेकर चिंतित हैं।
मायावती ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को प्रबंधन स्तर पर 5० प्रतिशत व गैरप्रबंधन स्तर पर 70 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला उचित-अनुचित के विवाद से अधिक उद्योगपतियों के दबाव में वापस लिया जाना वास्तव में इनकी आरक्षण विरोधी मानसिकता सिद्ध करती है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भी बीजेपी की तरह उद्योगपतियों के समर्थन में होने का सबूत है। मायावती ने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और उनके इंडिया गठबंधन ने जिस तरह से दलित, पिछड़ा और आदिवासियों को संविधान बचाने के नाम पर गुमराह करके उनका वोट लिया और आज उन्हीं के आरक्षण को वापस लिया जा रहा है, यह सब कांग्रेस के दोहरे चरित्र का सबूत है। दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों एवं सर्वसमाज के दबे-कुचले लोगों को भाजपा के एनडीए गठबंधन और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन दोनों से सावधान रहने की जरूरत है।
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