‘मेरी कहानी मेरी जुबानी’ का पायलट प्रोजेक्ट सिद्धार्थनगर में लांच
सिद्धार्थनगर। मुख्य विकास अधिकारी सभाकक्ष में बुधवार को पीरामल फाउंडेशन की ओर से ‘मेरी कहानी मेरी जुबानी’ पर चर्चा एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सिद्धार्थनगर के जिला विकास अधिकारी जेपी कुशवाहा ने किया।
इस मौके पर उन्होंने ने कहा कि पीरामल फाउंडेशन का यह कदम काफी सराहनीय है। इस तरह के कार्यक्रम को जिला प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान प्रभुदयाल यादव और जरीना खातून द्वारा समाज के लिए जो भी कार्य किए जा रहे हैं वह सराहनीय है। इस बीच राष्ट्रीय बाल स्वस्थ्य कार्यक्रम के जिला प्रबंधक अनंत कुमार ने बताया कि स्वच्छता अभियान के तहत जरीना खातून को जिले का ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाएगा ताकि जिले में जब भी महावारी स्वच्छता दिवस का कार्यक्रम चलेगा उन्हें वहां बुलाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना हम सब का दायित्व है। इस मौके पर जिला विकास अधिकारी और नीति आयोग के नोडल अधिकारी बीएस यादव ने दोनों कहानी पात्रों को शॉल और पत्र देकर सम्मानित किया। मेरी कहानी मेरी जुबानी कार्यक्रम में प्रभुदयाल यादव बताते हैं कि वे जोगिया ब्लॉक सिद्धार्थनगर के रहने वाले है। बचपन से ही समाज सेवा करना पसंद था। सेवा के उददेश्य से और खुद की पहचान बनाने के लिए वर्ष 2012 में गांव वापस आ गए। गांव के लोगों की सेवा करने लगें जैसे कि जरूरतमंद को हास्पिटल ले जाना, लोगो को सरकारी सहायता दिलवाना आदि।
जरीना खातून ने लड़कियों को माहवारी के बारे में जागरूक करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने अब तक तीन सौ किशोरियों और महिलाओं को महावारी स्वच्छता पर जागरूक करके पैड इस्तेमाल के लिए राजी किया है। इसी दौरान पिरामल फाउण्डेशन के गांधी फेलो से मुलाकात हुई और स्वयं सेवा के लिए जानकारी हुई। पीरामल फाउंडेशन के प्रोग्राम डायरेक्टर संजय सुमन ने बताया कि मेरी कहानी मेरी जुबानी का उद्देश्य निस्वार्थभाव से समाज की सेवा करने वाले लोगों को सबके बीच लाने और आम लोगों को बताने का है। इस मौके पर पीरामल फाउंडेशन के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर संतोष कुमार सिंह, शैलेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र सिंह, योगेन्द्र मोहन, राखी कुमारी, मृणांल, देवेन्द्र सिंह (स्माइल फाउंडेशन) विनोद प्रजापति, ममता (स्वाभिमान समिति) समेत कई लोग मौजूद थे।
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