परसरामपुर (बस्ती)। ग्राम पंचायत रायपुर में मनरेगा फर्जीवाड़े का डीसी मनरेगा ने संज्ञान लेते हुए खंड विकास अधिकारी परशुरामपुर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। तीन कार्य दिवस में खंड विकास अधिकारी को ग्राम पंचायत रायपुर में चल रहे मनरेगा कार्यों की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
परसरामपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत रायपुर में दो जगह मनरेगा कार्य का ऑनलाइन मास्टर रोल जारी था। दोनों जगह पर 137 मनरेगा मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी लगाई जा रही थी। एक स्थान पर किशोरी लाल गुप्ता के चक से रानीपुर सरहद तक मिट्टी कार्य एवं दूसरी जगह केले के उत्पादन एवं मत्स्य पालन के लिए चनियवा तालाब की झाड़ी सफाई एवं खुदाई कार्य किया जाना था।
पड़ताल में कुछ ग्रामीणों ने बताया था कि ग्राम पंचायत रायपुर में वर्तमान समय में कोई मनरेगा कार्य नहीं चल रहा है। मिट्टी पटाई कार्य बहुत पहले हो चुका है। चनियवा तालाब की खुदाई एवं सफाई कार्य जेसीबी मशीन से कराई गई है। केवल कागज में मनरेगा कार्य चल रहा है। इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रेमावती वर्मा से जानकारी करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कोई समुचित उत्तर नहीं दिया था। सचिव आलोक दिवाकर ने फोन कॉल को रिसीव नहीं किया।
तकनीकी सहायक अजीत सिंह ने कहा था कि वर्तमान समय में मनरेगा मजदूर कार्य नहीं कर रहे होंगे तो दोनों जगह की एमबी नहीं होगी और न ही भुगतान होगा। उक्त प्रकरण में खंड विकास अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने कहा था कि जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। ग्राम पंचायत रायपुर में मनरेगा फर्जीवाड़ा को डीसी मनरेगा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि तीन कार्य दिवस में जांच आख्या आ जाएगी। जांच आख्या संतोषजनक न पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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