तीन दिवसीय सालाना उर्स हर्षोल्लास के साथ मनाया
अयोध्या। जिले की प्रसिद्ध दरगाह हजरत कुर्बान शाह रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिवसीय सालाना उर्स हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उर्स में बड़ी संख्या में अकीदतमंदो ने पहुंचकर दरगाह पर चादर चढ़ाई और मन्नतें मांगी।
उर्स के पहले दिन नातिया मुशायरा व तकरीर और दूसरे दिन कव्वाला उजाला परवीन एवं कव्वाल नईम साबरी के बीच में जवाबी कव्वाली तथा तीसरे दिन रविवार की रात को जोरदार जवाबी कव्वाली का आयोजन हुआ। तीसरे दिन पीलीभीत से आए मशहूर कव्वाल शहजाद ताज ने अपने सूफियाना कलाम में कहा कि मुश्किल वक्त में काम आती है बेटियां, फिर क्यों लोग बेटियों से भेदभाव करते हैं। अपने कलाम से संदेश दिया कि बेटा-बेटी एक समान है। मां के बारे में कहाकि मां के पैरों के नीचे जन्नत है।
इस दुनिया में मां-बाप से बड़ा हमदर्द कोई नहीं है फिर भी बच्चे उन्हें वृद्धाश्रम भेज रहे हैं।इसके अलावा मुहब्बत भरी गजलों को शायराना अंदाज में गाकर हजारों दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी। जिसके जवाब में आगरा की मशहूर कव्वाला गुलनाज साबरी ने पलटवार करते हुए तेज तर्रार अंदाज में गजल और शायरी के माध्यम से उसका जवाब दिया।
जवाबी कव्वाली में हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों एवं श्रोताओं को दोनों कलाकारों ने अपनी हाजिर जवाबी भरे कलामों से मंत्रमुग्ध कर दिया। उर्स के प्रबंधक खादिम नौशाद बाबा ने बताया कि कुर्बान शाह बाबा का 90वां सालाना उर्स रविवार को धूमधाम के साथ संपन्न हो गया।
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