मशीन चलाने वाले नहीं, मैन्युअल मशीनों से की जा रही जांच
अयोध्या। जिला अस्पताल में मई माह में लगाई गई डिजिटल एक्स-रे मशीन शोपीस बन गई है। मशीन चलाने वालों का टोटा होने के कारण मैन्युअल मशीनों से ही जांच की जा रही है। इससे दूरदराज से आने वाले मरीजों को मजबूरन प्राइवेट जांच करानी पडऱही है। यह हाल तब है जब एक दान स्वरूप मिली डिजिटल मशीन को चूहों ने कुतर कर खराब कर डाला।
जिला अस्पताल में सीएमएस रहे डॉ. एनपी गुप्ता हड्डी रोग विशेषज्ञ भी थे। उस दौरान उन्होंने मरीजों की मुश्किलों को देखते हुए एक डिजिटल एक्स-रे मशीन की मांग की थी। मशीन आई तो सीएमएस डॉ. एनपी गुप्ता प्रमोट होकर दूसरे जनपद चले गए। काफी दिनों तक मशीन डिब्बे में बंद रही। सीएमएस डॉ. उत्तम कुमार ने ओपीडी भवन के एक्स-रे कक्ष में मशीन का संचालन शुरू कराया। यहां अटैच कर्मी को मशीन चलवाने की ट्रेनिंग दिलाई लेकिन वह 15 दिन ही मशीन चला सका। इसके बाद उसे वापस बुला लिया गया।
धनीराम का पुरवा निवासी विनोदबाला श्रीवास्तव सोमवार को जब डिजिटल मशीन से जांच कराने गईं तो स्टाफ का हवाला देते हुए जांच करने से मना कर दिया। अभी अस्पताल में तीन मैन्युअल व एक डिजिटल एक्स-रे मशीन हैं। इसमें एक नियमित कर्मचारी व दो संविदा कर्मी हैं। नियमित कर्मी आरडीसी में स्थापित मशीन का संचालन करता है। मौका मिलने पर ही डिजिटल मशीन को चलाता है। संविदा कर्मियों को डिजिटल मशीन की जानकारी नहीं है। सीएमएस डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि स्टाफ की कमी है। ऐसा नहीं है कि डिजिटल एक्स-रे मशीन से जांच नहीं हो रही है। जांच की जा रही है। मैन्युअल से भी जांच ठीक होती है।
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