लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ फीनिक्स प्लाजियो माल में ऐतिहासिक फ़िल्म छावा देखी। फिल्म देखने पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि छावा जैसी ऐतिहासिक फ़िल्म बहुत पहले बननी चाहिए थी! इसे हर किसी को देखना चाहिए, ख़ासकर मुस्लिम परस्त राहुल गांधी और उनके सदाबहार दरबारी अखिलेश यादव व ममता दीदी जैसे नेताओं को, ताकि उन्हें समझ आ सके कि क्रूरता का दूसरा नाम ही औरंगज़ेब था! केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि छावा केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि छत्रपति संभाजी महाराज के शौर्य और बलिदान का जीवंत प्रतीक है। संभाजी महाराज केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति एवं राष्ट्र के रक्षक थे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि औरंगज़ेब जैसे अत्याचारी आक्रांताओं के सामने सिर झुकाने वाले नहीं, बल्कि लोहा लेने वाले ही सच्चे नायक होते हैं। लेकिन दुखद है कि पहले की भांति विपक्षी दल आज भी मुगलों के पक्ष में तर्क गढ़ने में लगे हैं और औरंगज़ेब को अपना आदर्श मानते हैं। मैं उन सभी दलों के नेताओं से कहना चाहता हूं कि यह फिल्म अवश्य देखें और क्रूर औरंगज़ेब के असली चरित्र को जानें। छावा फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वालों पर उन्होंने कहा कि यह फिल्म बैन नहीं होंगी। इस प्रकार की फिल्में और बननी चाहिए। देश को सच जानना चाहिए।
सपा सांसद द्वारा औरंगजेब को संत बताने पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आक्रमणकारी संत नहीं होता है। आक्रमणकारी अत्याचारी होता है। जिसने मंदिरों को तोड़ा हो। जिसने धर्मान्तरण कराने के लिए बल का प्रयोग किया हो। जिसने भारत की संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया हो। इस प्रकार का बयान देने वाले सपा सांसद के बारे में अखिलेश यादव अपनी चुप्पी तोड़ें। इसका जवाब प्रदेश व देश चाहता है। उप मुख्यमंत्री के साथ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नवनीत श्रीवास्तव, भाजपा नेता वीरेन्द्र तिवारी,गिरजा शंकर गुप्ता और प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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